Thursday, January 8, 2009


कभी रोके मुश्कुरायेंगे कभी मुशकुराके रोये,
उसकी याद जब आई उसे भुला के रोये,

एक उसका नाम था जिसे हज़ार बार लिखा,

जितना लिख के खुश हुए...........उतना मिटा के रोये.............

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