Saturday, April 4, 2009

क्या सोचा था,
SMS नहीं आयेगा?
सोचा के ये दोस्त यूँही भूल जायेगा?
ये तो आदत है हमारी सताने की,
वरना आप से प्यारा दोस्त कौन भुलाना चाहेगा.

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