Wednesday, February 18, 2009

हसी ने लबो पे आना छोड़ दिया,
ख्वाबो ने सपनों में आना छोड़ दिया,
नहीं आती अब तो हिचकिया भी,
शायद अपनों ने हमें यद् करना छोड़ दिया.

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