Wednesday, December 24, 2008

रूठना मत हमसे, हमें मनाना नहीं आता.......

दूर मत जाना हमसे, हमें पास लाना नहीं आता.......

आप भूल जाओ हमें, आप की मर्ज़ी.....!

पर हम क्या करे?

हमें तो भूलाना भी नहीं आता.....!

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